क्या बिहार क्रिकेट को फिर से एक धोनी मिलने वाला है. .??
बिहार कई मायनों में पिछड़ा राज्य है. कल्चर का ढोल आप हमेशा नहीं पीट सकते. अपने शानदार अतीत की दुहाई आप कब तक देते रहेंगे. कोई कहता है कि राजनीति ने बर्बाद किया कोई कहता है जातिवाद ने. लेकिन हम यहाँ पर इस बात को जज करने नहीं आये है. लेकिन अब हालात ये है कि स्थिति सुधरनी चाहिए. दशकों से बीसीसीआई की बेरुखी झेल रही बिहार क्रिकेट एसोशिएशन ने अब तक ना जाने कितने ही अनमोल मोती को कौड़ी बन जाने पर मज़बूर किया है. खेलना क्रिकेट है, बनना क्रिकेटर है, लेकिन खेलें कहाँ? गलियों में खेलने से कैरियर नहीं बनता.
बात कर रहे है 18 जुलाई 1998 को पटना में जन्में ईशान किशन की. इनको क्रिकेट खेलना था. लेकिन बिहार में तो क्रिकेट बस देखने की बात थी. फिर खेले कैसे? तो पड़ोसी किस दिन काम आता है. चले गए झारखण्ड. वहाँ एनरोल हो गए. वहीं से खेलना शुरू कर दिए. पापा भी सपोर्ट किये. फिर झारखण्ड की तरफ से खेलते हुए इन्हें अंडर-16 टीम में खेलने का मौका मिला. जब परफॉर्मेंस ज़बरदस्त चल रही थी तभी टीम इंडिया के तरफ से अंडर-19 खेलने के लिए बुलावा आ गया. साल था 2016. यहाँ से खेलते हुए इन्हें कप्तानी भी मिली और टीम विश्व कप के फाइनल तक पहुँच गयी. बल्ले से कुछ ज्यादा कमाल तो नहीं कर पाए लेकिन इनके मंझी हुई कप्तानी की चर्चा चारों तरफ थी. टीम फ़ाइनल में वेस्टइंडीज से हार गयी.
वर्ल्ड कप के दौरे से वापस आये तो झारखण्ड से रणजी ट्रॉफी खेलने का न्यौता मिला. मौका था, फायदा उठाया जा सकता था. और क्या गजब फायदा उठाया. बल्ला रन नहीं आग उगल रहा था. 6 नवम्बर 2016 को भाई साहब ने दिल्ली के खिलाफ खेलते हुए 273 रन ठोक डाले. लगा मानो आज तबाही ही तबाही ही है. 18 बरस की उम्र में इस तरह की आतिशबाज़ी काम ही देखने को मिलती है. झारखण्ड के तरफ से खेलते हुए किसी भी बल्लेबाज द्वारा बनाया गया यह सबसे बड़ा स्कोर था. पुरे टूर्नामेंट में 799 रन निकले. टीम पहली बार सेमी फ़ाइनल खेल रही थी. साल 2017-18, रणजी के अगले सीजन में भी इनके बल्ले ने कहर बरपाना बंद नहीं किया. अपने टीम के लिए सबसे ज्यादा 484 रन बनाये. वो भी सिर्फ 6 मैचों में.
इस तरह के रिकॉर्ड विरले ही देखने को मिलता है. ईशान अभी आईपीएल (IPL) में मुंबई इंडियंस (MI) के लिए खेल रहे है. पिछले साल गुजरात लायंस के लिए खेले थे. अब वो टीम नहीं रही. मुंबई के लिए अभी वह एक अहम खिलाड़ी हो गए है. जितना मज़बूत बैटर उतना ही फुर्तीला विकेट कीपर. उनका अभी तक का यह सीजन ज़बरदस्त रहा है. काफी आतिशबाजी देखने को मिली है उनके बल्ले से. हम उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते है. केकेआर (KKR) के खिलाफ जो इन्होने तबाही मचाई थी वो आप यहां देख सकते है. लगभग 300 के स्ट्राइक रेट से 62 रन बनाये थे.
अब जब बीसीसीआई ने बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को मान्यता दे दिया है तो देखने वाली बात ये होगी कि आने वाले रणजी में ईशान किस टीम से खेलते है. महेंद्र सिंह धोनी ने अपनी ऊँचाई से झारखण्ड क्रिकेट को एक नया नाम दिया है. क्या ईशान किशन बिहार क्रिकेट का कुछ भला कर सकता है, यह समय आने पर पता चलेगा. अभी दिल्ली बहुत दूर है. पटना का मोइनुल हक़ स्टेडियम आज भी अपने जीर्णोद्धार का इन्तजार कर रहा है.
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